नई दिल्ली (New Delhi), 08 जनवरी (The News Air): भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने 7 जनवरी 2025 को डॉ. डीएस कोठारी ऑडिटोरियम (Dr. DS Kothari Auditorium), डीआरडीओ भवन (DRDO Bhawan), नई दिल्ली में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक गुरु बहन बीके शिवानी (BK Shivani) के नेतृत्व में आयोजित इस सत्र का उद्देश्य नौसेना कर्मियों की मानसिक और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ाना था।
कार्यशाला के मुख्य बिंदु:
- सत्र का विषय: “आत्म-परिवर्तन और आंतरिक जागृति”।
- प्रमुख अतिथि: चीफ ऑफ मटीरियल, वाइस एडमिरल किरण देशमुख (Vice Admiral Kiran Deshmukh)।
- उद्देश्य:
- मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देना।
- उच्च तनाव वाली भूमिकाओं में कार्यरत कर्मियों के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करना।
BK Shivani के प्रेरक विचार: कार्यशाला के दौरान बहन बीके शिवानी ने मानसिक स्वास्थ्य के मूल कारणों और इसे सुधारने के तरीकों पर गहन चर्चा की। उन्होंने जोर दिया कि:
- मन की शांति: सकारात्मक और सशक्त विचार चुनने से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
- आत्म-जागरूकता: ध्यान और सकारात्मक सोच के जरिए आंतरिक संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य की कुंजी: मानसिक स्वास्थ्य केवल विचारों का परिणाम है। इसे सुधारने के लिए हमें अपने विचारों पर नियंत्रण करना होगा।
60-दिवसीय आत्मनिर्भरता कार्यक्रम का हिस्सा: यह कार्यशाला भारतीय नौसेना के 60-दिवसीय आत्मनिर्भरता कार्यक्रम का एक हिस्सा थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों के बीच मानसिक स्वास्थ्य, आंतरिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देना है।
मुख्य अतिथि के विचार: वाइस एडमिरल किरण देशमुख ने कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा:
- मानसिक स्वास्थ्य एक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण कार्य वातावरण के लिए आवश्यक है।
- इस पहल से कर्मियों की व्यक्तिगत और पेशेवर संतुष्टि में वृद्धि होगी।
- उन्होंने कार्यशाला की शिक्षाओं को दैनिक जीवन में लागू करने के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम की सफलता: इस कार्यशाला में नौसेना अधिकारियों, नाविकों और रक्षा नागरिकों ने भाग लिया। इसका सीधा प्रसारण भारतीय नौसेना के आधिकारिक यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) पर किया गया, जिससे पूरे देश के लोग इस सत्र का लाभ उठा सके।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि मानसिक स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए बल्कि परिचालन दक्षता और समग्र कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।