इंफाल (मणिपुर), 28 दिसंबर (The News Air): मणिपुर में फिर से हिंसा की आग भड़क गई है। इंफाल ईस्ट जिले के सनसाबी और थमनापोकपी गांवों में मंगलवार को हथियारबंद उग्रवादियों ने अचानक हमला कर दिया। गोलीबारी और बम धमाकों से गांव दहल गया। इस हमले में कई नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
क्या हुआ घटना स्थल पर? : प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हथियारबंद उग्रवादियों ने गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। घरों पर बम फेंके गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। मौके पर सुरक्षाबलों ने पहुंचकर जवाबी कार्रवाई की और महिलाओं व बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
सीएम बीरेन सिंह की प्रतिक्रिया : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे शांति और सद्भाव पर हमला करार दिया।
- बीरेन सिंह ने कहा:
“मैं इंफाल ईस्ट के सनसाबी और थमनापोकपी गांवों में कुकी उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी की निंदा करता हूं। यह हमला राज्य की निर्दोष जनता के खिलाफ एक कायरतापूर्ण कृत्य है।”
उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद पर्याप्त सुरक्षा बलों को इलाके में तैनात किया गया और घायलों को जरूरी चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
सुरक्षाबलों का ऑपरेशन : घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया।
- सुरक्षाबलों ने महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित निकालने का कार्य प्राथमिकता पर किया।
- उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी जवाबी कार्रवाई की गई।
- घटना स्थल पर अब भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
स्थानीय लोगों में दहशत : इस हिंसा ने स्थानीय निवासियों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है।
- एक स्थानीय महिला ने बताया:
“हम अचानक गोलीबारी की आवाज सुनकर डर गए। बच्चे जोर-जोर से रोने लगे। हमें नहीं पता था कि हमारी जान बचेगी या नहीं।”
घटना के बाद ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले: मणिपुर में जातीय और सामुदायिक तनाव के कारण पहले भी इस तरह की हिंसा हो चुकी है।
- इस वर्ष की शुरुआत में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच भीषण संघर्ष देखने को मिला था।
- शांति स्थापित करने के लिए कई बार केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस को मिलकर काम करना पड़ा।
सरकार की आगे की योजना : मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना का असर: इस हिंसा ने राज्य की शांति प्रक्रिया को झटका दिया है।
- बच्चों और महिलाओं में डर का माहौल है।
- प्रशासन के प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।
मणिपुर में बार-बार होने वाली हिंसा राज्य की शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर ऐसी घटनाओं पर काबू पाना होगा। स्थानीय समुदायों को भी एकजुट होकर शांति बनाए रखने की दिशा में काम करना होगा।