नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (The News Air): केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां पारंपरिक विनिर्माण-आधारित विकास मार्ग के अलावा वैकल्पिक विकास रणनीतियों और उनसे उत्पन्न होने वाली नौकरियों के प्रकारों का पता लगाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि नौकरियां सृजित करना सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक समस्या है क्योंकि निरतंर आर्थिक प्रतिकूलतायें और तेजी से तकनीकी परितर्वन युवाओं के लिए नौकरी बाजार में प्रवेश करने के लिए आवश्यक कौशन को फिर से परिभाषित कर रहे हैं। श्रीमती सीतारमण ने विश्व बैंक और अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में पूर्ण अधिवेशन में विश्व बैंक को अपनी भावी रणनीतिक दिशा कैसे बनानी चाहिए और ग्राहकों को उभरते मेगाट्रेंड के साथ तालमेल रखने के लिए अधिक नौकरियां बनाने में कैसे मदद करनी चाहिए विषय पर हस्तक्षेप में यह बात कही।
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि विश्व बैंक ने पहले क्षेत्रीय रुझानों और रोजगार पर उनके संभावित प्रभाव पर कई अध्ययन किए हैं, जिसमें ह्यग्रीन जॉब्सह्ण, एआई के बाद की नौकरियां और बदलती जनसांख्यिकी के कारण बदलाव जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि समय की मांग एक अधिक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय विश्लेषण है – जो यह जांचता है कि उभरते रुझान कैसे परस्पर क्रिया करते हैं और नौकरी के नुकसान और नौकरी के सृजन दोनों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में भू-राजनीतिक विखंडन और खाद्य उत्पादन, निर्यात और संबंधित रोजगार जैसे क्षेत्रों पर इसके प्रभावों जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने विश्व बैंक से रोजगार सृजन, कौशल और श्रम पर ध्यान केंद्रित करते हुए डेटा, विश्लेषण और ज्ञान कार्य के आधार पर उच्च प्राथमिकता वाले कौशल क्षेत्रों की पहचान करने में देशों के साथ सहयोग करने की भी अपील की। वित्त मंत्री ने इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए एक स्पष्ट कार्यान्वयन रणनीति के साथ एक परिणाम-उन्मुख रोडमैप के महत्व को भी रेखांकित किया।