नई दिल्ली, 27 सितंबर,(The News Air): दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जनतंत्र के लिए कुर्बानी दी थी। उन्होंने इसलिए कुर्बानी नहीं दी कि एलजी और अफसर जन प्रतिनिधियों को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी करें। इन लोगों ने जनतंत्र को खत्म कर दिया है। भाजपा ईडी और सीबीआई और पैसे के बल पर राज्य सरकारों की चोरी करती है। मोदी जी जिन्हें भ्रष्टाचार बताते थे, उन 25 नगीनों को भाजपा में शामिल कर भ्रष्टाचार का केस ठंडे बस्ते में डाल दिया। मुझे आरएसएस और भाजपा वालों पर दया आती है। अब उनका काम सिर्फ दूसरी पार्टियों से आए नेताओं के लिए दरी बिछाने का रह गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा बुरी तरह से दिल्ली चुनाव हार रही है। इसलिए अब ये लोग वोटर लिस्ट से वोट कटवाने पर उतारू हो गए हैं। मेरी अपने सभी विधायकों से निवेदन कि रोजना वोटर लिस्ट चेक करें।
दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने चार-पाच दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में मैंने पांच मुद्दों पर बात की थी और उसमें एक मुद्दा ईडी- सीबीआई के दुरुपयोग का भी था। जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे भ्रष्ट नेताओं को ईडी और सीबीआई से डराकर या पैसों का लालच देकर दूसरी पार्टियों तोड़कर भाजपा में शामिल करा रहे हैं, क्या मोहन भागवत इससे सहमत हैं। मोदी जी, अमित शाह जी और भाजपा ने खुद कुछ दिन पहले जिन नेताओं को भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन बाद उन्हीं नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा लेते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 27 जून 2023 को मोदी जी ने कहा कि अजीत पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। हम इनको जेल भेजेंगे। इसके पांच दिन बाद 2 जुलाई 2023 को अजीत पवार को अपनी सरकार में शामिल करके महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बना दिए। मैं सदन में बैठे भाजपा के सांसदों से पूछना चाहता हूं कि क्या कुछ शर्म आती है। हम तो सारे के सारे खराब हैं, पर आपका प्रधानमंत्री 27 जून को जिस आदमी पर 70 हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाता है और पांच दिन बाद उसको उपमुख्यमंत्री बना देता है। ऐसे में जब आप लोग घर जाते हैं तो अपनी गली में क्या मुंह दिखाते हैं? पूरी दुनिया में क्या मुंह दिखाएंगे कि ऐसी पार्टी में आप लोग हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि 22 जुलाई 2015 को भाजपा ने कांग्रेस के नेता हिमंता विश्वा सरमा बहुत बड़ा भ्रष्टाचारी बताया और एक महीने बाद 23 अगस्त 2015 को उनको अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। उसपर सीबीआई का केस था, उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। मोदी जी के पास ऐसे 25 नगीने हैं, जिन्हें चुन-चुन कर दूसरी पार्टियों से इकट्ठे किए हैं। मोदी जी के यह हीरे उनके बहुत करीब हैं। उनके ऊपर जितना कचरा या गंध था, उसे साफ किया, उनके सारे केस धोए। एनसीपी के नेता अजीत पवार पर इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग और ईडी का केस था। मोदी जी ने दोनों केस बंद करवा दिए। प्रफुल पटेल एनसीपी के नेता थे, उनपर ईडी और सीबीआई का केस था। मोदी जी ने दोनों केस बंद करवा दिए और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। प्रताप सरनायक शिवसेना का नेता था। इसपर ईडी और ईओडब्ल्यू का केस था। मोदी जी ने दोनों केस बंद करवा दिए और भाजपा ने शामिल कर लिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसी तरह, हसन मुशरिफ एनसीपी का नेता था। उसपर ईडी का केस था। ठंडे बस्ते में डाल दिया और मोदी जी ने उसे अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। भावना गावली शिवसेना की नेता थीं, इनपर ईडी का केस था। यामिनी यशवंत जाधव शिवसेना की नेता थीं, इनपर ईडी का केस था, इनका केस ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके अलावा सीएम रमेश, रविंदर सिंह, संजय सेठ, शुभेंदू अधिकारी, के. गीता, शोवन चटर्जी, छगन भुजबल, कृपा शंकर सिंह, दीगांबर कामत, अशोक चौहान, नवीन जिंदल, तपस रे, अर्चना पाटिल, गीता कोड़े, बाबा सिद्धकी, ज्योति मिंडा और सुजाना चौधरी हैं। यही मोदी जी की ईमानदारी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है। इन्हें लाल किले पर खड़े होकर पूरे देश को बेवकूफ बनाते शर्म नहीं आती हैं। कहते हैं कि ईमानदार हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। अकबर के जमाने में नवरत्न होते थे, अब प्रधानमंत्री जी के यह 25 रत्न हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आरएसएस के अंदर ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें प्रचारक कहते हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी आरएसएस को दी है। जब वह घर-घर जाते होगें तो क्या कहकर जनता का सामना करते होंगे कि प्रधानमंत्री ने जिस आदमी को दो दिन पहले कहा कि 70 हजार करोड़ रुपए का घोटालेबाज कहा था। सारे भाजपा और आरएसएस वालों ने लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप पर उसे भेजा कि इसने 70 हजार करोड़ रुपए घोटाला किया है। ठीक 5 दिन बाद प्रधानमंत्री ने उसे अपने यहां शामिल करके उप मुख्यमंत्री बना दिया। ये लोग क्या शक्ल दिखाते होंगे? मैं सारे आरएसएस के कार्यकर्ताओं और भाजपा से नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप कैसे अपने गली- मोहल्लों में जाते हैं?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे आरएसएस वालों के ऊपर ज्यादा दया आता है। कईयों ने अपनी पूरी जिंदगी आरएसएस के लिए दे दी। लेकिन अब उनको टिकट नहीं मिलती है। बल्कि कांग्रेस या इधर-उधर की पार्टियों से लाए गए लोगों को टिकट दी जाती है। उनका काम केवल दरी बिछाने का रह गया है। ये कभी कांग्रेसियों के लिए, कभी एनसीपी वालों के लिए तो कभी शिवसेना वालों के लिए दरी बिछाते हैं। आरएसएस के कार्यकर्ताओं का काम अब केवल दरी बिछाने का रह गया है। कभी इस नेता तो कभी उस नेता के लिए दरी बिछाते हैं, क्योंकि उनको खुदको कभी टिकट नहीं मिलती है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा इन्होंने कई सरकारों की चोरियां की। कई सराकरों को उखाड़ कर फेंका। मार्च 2016 से लेकर मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री मोदी ने 13 राज्य सरकारों को 15 बार गिराने की कोशिश की। उसमें से 10 सरकारों को गिराने में सफल हो गए। ये सरकारें गिराई नहीं गईं, बल्कि इन सरकारों की चोरी की गई है। ई्डी-सीबीआई को भेजकर उन्हें धमकी देकर, लालच देकर पैसे से खरीदकर इन लगों ने उन सरकारों की चोरी की है। यह सरकार गिराने की कोई आम घटना नहीं है। मार्च 2016 में इन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायकों को तोड़कर हरीस रावत की सरकार गिराई। 2016 में अरुणाचल प्रदेश में पीपीए के 43 में से 33 विधायक तोड़कर वहां अपनी सरकार बना ली। गोवा में इन्हें मार्च 2017 के नतीजों में बहुमत नहीं मिला, लेकिन इन्होंने कांग्रेस के 12 विधायकों को तोड़कर सरकार बना ली। कर्नाटक में 2019 में इन्हें बहुमत नहीं मिला तो कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायक तोड़कर सरकार बना ली। मध्यप्रदेश में इन्हें बहुमत नहीं मिला तो इन्होंने 22 विधायकों को तोड़कर सरकार बना ली। इस तरह इन्होंने 10 सरकरों को तोड़कर अपनी सरकार बना ली। आज इन्होंने एमसीडी के ऊपर गलत तरीके से कब्जा कर लिया और इन्होंने एमसीडी की चोरी कर ली।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिख कर यही पूछा था कि क्या राजनीति में सुचिता होनी चाहिए या नहीं, या फिर आरएसएस ने भाजपा को खुलेआम छूट दे रखी है कि जो करना है करो। मैंने मोहन भागवत से पूछा था कि क्या आरएसएस मोदी सरकार की बेईमानियों और भष्टाचार का समर्थन करती है? अगर नहीं करती है तो मोहन भागवत की जिम्मदारी बनती है कि वह पूरे देश के सामने खुले शब्दों में यह कहें कि मोदी जी दो सरकार चला रहे हैं वो सरकार बेईमान और भ्रष्टाचारी है और वह इसका समर्थन नहीं करते हैं। यह मोहन भागवत की जिम्मेदारी है कि वह पूरे देश के समाने यह बयान दें।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने जेल के अंदर सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को खूब पढ़ा। इन लोगों ने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। इन लोगों ने देश को इसलिए आजाद करवाया था कि देश के अंदर एक जनतंत्र होगा। जनता अपने नेता चुनेगा। जनता के चुने हुए नुमाइंदे सरकार चलाएंगे और जनता से सपने पूरे करेंगे। उन्होंने आजादी इसलिए नहीं दिलवाई थी कि एक दिन कोई एलजी या अधिकारी आकर बैठ जाएंगे और चुने हुए लोगों को दरकिनार करके अपनी मर्जी से सरकार चलाएंगे। दिल्ली के लोगों ने एक मेयर को चुना, लोगों ने अपने काउंसलरों को चुना। दिल्ली के लोगों ने एमसीडी के एक सदय को चुना और दिल्ली की नगर निगम को कहा कि अब आप दिल्ली की व्यवस्था को चलाओ।
दिल्ली नगर निगम के कानून में लिखा है कि सदन की अध्यक्षता मेयर करेगी। लेकिन एलजी ने आदेश पारित कर दिया कि अब इसकी अध्यता एडिशनल कमिश्नर करेगा। कल को दिल्ली विधानसभा के स्पीकर को भी हटा देंगे। लोकसभा स्पीकर को भी हटा देंगे और लिख देंगे कि अब से गृह सचिव लोकसभा की अध्यक्षता करेगा। इसी तरह रक्षा सचिव राज्यसभा की अध्यक्षता करेगा। इस देश के अंदर ये क्या हो रहा है? क्या इसलिए हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान गवाई थी? इन लोगों ने जनतंत्र खत्म कर दिया? एलजी दिल्ली चलाएंगे और एडिशनल कमिश्नर नगर निगम की अध्यक्षता करेगा। कानून के अंदर लिखा है कि एनसीडी का मेयर सदन की अध्यक्षता करेगा। डीएमसी के कानून में लिखा है कि केवल मेयर ही सदन की बैठक बुलाने के लिए अधिकृत है। कब, किस समय और किस जगह मीटिंग बुलाई जाएगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह विधानसभा के अध्यक्ष विधानसभा की मीटिंग से जुड़े सारे फैसले लेता है। उसी तरह नगर निगम में कब, किस समय और किस जगह मीटिंग बुलाई जाएगी यह केवल मेयर तय करता है। लेकिन एलजी और एमसीडी के कमिश्नर ने खुद तय कर लिया। जबकि नियम में लिखा है कि बैठक बुलाने के लिए 72 घंटे पहले नोटिस दिया जाएगा। लेकिन कोई नोटिस नहीं दिया गया। कल रात को 10 बजे अचानक नोटिस निकाल दिया कि आज दोपहर 1 बजे चुनाव होगा। जबकि कानून के तहत एलजी का कमिश्नर के पास ऐसा नोटिस निकालने की कोई पावर नहीं है। ये तो गुंडागर्दी मचा रखी है। कानून में लिखा है कि नोटिस सब काउंसलर्स के घर भेजा जाएगा। लेकिन किसी के घर कोई नोटिस नहीं पहुंचा। केवल एक व्हाट्सएप मेसेज कर दिया गया, जो कुछ को मिला, कुछ को नहीं मिला। कुछ दिल्ली के बाहर हैं। ये किस तरह का चुनाव है? आज इन्होंने एमसीडी की चोरी की है, जो पूरे देश के सामने हैं। हम इसकी सख्त निंदा करते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन्हें पता है कि ये लोग दिल्ली बुरी तरीके से हार रहे हैं। लेकिन इनके नेताओं ने ही मुझे बताया है कि इन्होंने बहुत बड़े स्तर पर आम आदमी पार्टी के वोट काटने और फर्जी वोट डलवाने का काम शुरु कर दिया है। इन लोगों ने हर कालोनी में कुछ लोगों को पैसों पर रखा है। ये पेड इंप्लॉई घर-घर जा रहे हैं और लोगों से पूछ रहे है कि आप किस पार्टी को वोट दे रहे हो। अगर कोई गलती से भी कह दे कि वह आम आदमी पार्टी को वोट देगा, तो ये लोग उसका वोट कटवा देंगे। इसलिए मैं दिल्ली की जनता को कहना चाहता हूं कि रोज चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपना वोट चेक कर लेना कि कहीं आपका वोट किसी ने कटवा तो नहीं दिया। अगर कोई आपके घर पूछने आए कि आप किसको वोट दे रहे हो, तो आप कह देना की भाजपा को वोट दे रहे हैं। फिर आप सुरक्षित हैं, आपका वोट नहीं कटेगा। मैं सभी विधायकों को से भी कहता हूं कि वह अपनी-अपनी विधानसभाओं में बूथ लेवल के वालेंटियर्स को आगाह कर दें कि वह रोजाना चेक करें कि किसका वोट कटा और किसका शामिल है।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि इतनी बुरी राजनीति मैंने कभी नहीं देखी थी। मेरा छोटा सा राजनैतिक जीवन है। मैं तो पिछले 10-12 साल से ही राजनीति में हूं, लेकिन मैंने पूरे देश में इतनी गंदी राजनीति पहले कभी नहीं देखी थी। मैं उम्मीद करता हूं कि हमसे जो बन पड़ेगा, देश की राजनीति को साफ करने के लिए हम वह सब करेंगे। हम उसी के लिए आए हैं। हमे राजनीति को साफ करना है और जनता की सेवा करनी है। भगवान हमें आशीर्वाद दे और सही दिशा दिखाता रहे।






