नई दिल्ली, 16 सितंबर,(The News Air): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलाद-उन-नबी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इस खास दिन को मानाने के लिए अपने संदेश साझा किए। एक्स पर एक पोस्ट में, राष्ट्रपति मुर्मू ने लोगों से पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं को अपनाने और देश के विकास के लिए काम करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने पैगंबर मुहम्मद की जयंती पर दी शुभकामनाएं
सोमवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने अपनी पोस्ट में पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) की जयंती पर सभी देशवासियों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘पैगंबर मुहम्मद ने समानता पर आधारित मानव समाज का आदर्श प्रस्तुत किया है और सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी है। इस विशेष अवसर पर, आइए हम इन शिक्षाओं को अपनाएं और देश के विकास के लिए निरंतर काम करने का संकल्प लें।’
पीएम मोदी ने देशवासियों को ईद के अवसर पर दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने X पर लिखा, ‘ईद मुबारक! मिलाद-उन-नबी के अवसर पर शुभकामनाएं। सद्भाव और एकजुटता हमेशा बनी रहे और चारों ओर खुशी और समृद्धि हो।’ राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी द्वारा दिए गए संदेश इस बात की पुष्टि करते हैं कि मिलाद-उन-नबी केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि समाज में समानता, शांति और एकता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण दिन है।
सभी को मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएं- किरेन रिजुजू
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजुजू ने भी अपने संदेश में कहा, ‘सभी को मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएं! यह दिन खुशी, प्यार और एकजुटता की नई भावना से भरा हो।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘सभी को ईद मिलाद-उन-नबी मुबारक। यह पवित्र अवसर हमारे जीवन में शांति, करुणा और समृद्धि लाए और सभी के बीच एकता, सौहार्द, दया और सद्भाव को बढ़ावा दे।’
पैगंबर मुहम्मद की जयंती का प्रतीक
बता दें कि मिलाद-उन-नबी, जिसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और मावलिद के नाम से भी जाना जाता है, पैगंबर मुहम्मद की जयंती का प्रतीक है। इस अवसर पर 12 रबी उल अव्वल को मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर का तीसरा महीना है। इस साल, यह उत्सव रविवार, 15 सितंबर 2024 की शाम से शुरू हुआ और सोमवार, 16 सितंबर 2024 की शाम को समाप्त होगा। मिलाद-उन-नबी का उत्सव पैगंबर के जीवन, उनकी शिक्षाओं, कष्टों और उनके चरित्र का जश्न मनाने का अवसर है, जिसमें उनकी माफ़ी और करुणा को याद किया जाता है। यह अवसर उत्सव के बजाय पालन के रूप में मनाया जाता है, जिसमें धार्मिक समारोहों और शिक्षाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है।