मुंबई, 28 अगस्त (The News Air): संजय लीला भंसाली हमेशा ऐसी फिल्में बनाते हैं, जो अपने ग्रैंड सेट, खूबसूरत विजुअल्स, इंगेजिंग स्टोरी और खूबसूरत म्यूजिक के साथ दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। उनकी फिल्मों में कास्ट की जबरदस्त परफॉर्मेंस भी देखने मिलती है। संजय लीला भंसाली अपने एक्टर्स से बेहतरीन परफॉर्मेंस निकलवाने के लिए जाने जाते हैं और उनके किरदार हमेशा परफेक्ट लगते हैं। चाहे लीड रोल हो या फिर सपोर्टिंग रोल हर एक्टर उनकी फिल्मों का एक अहम हिस्सा होता है। संजय लीला भंसाली की फिल्मों में लोग सिर्फ लीड किरदारों को ही नहीं बल्कि सपोर्टिंग किरदारों को भी याद रखते हैं। उनके किरदारों में बहुत गहराई और पर्सनालिटी होती है और उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल होता है चाहे वह बैकग्राउंड में ही क्यों ना हो। तो, आइए संजय लीला भंसाली की फिल्मों के कुछ सपोर्टिंग कास्ट मेंबर्स पर नजर डालते हैं, जिन्होंने अपनी परफॉर्मेंस से बड़ा प्रभाव डाला।
पद्मावत में मलिक काफूर के रूप में जिम सर्भ
अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह द्वारा निभाया गया किरदार) के अहम गुलाम-सेनापति मलिक काफूर की भूमिका में जिम सर्भ ने फिल्म में शानदार परफॉर्मेंस दी थी। संजय लीला भंसाली ने जिम को अहम किरदार के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पेश किया और फिल्म में उनकी मजबूत प्रेजेंस दी। उन्होंने जिम के किरदार को इस तरह से डिजाइन किया कि उनके एक्टिंग स्किल को बहुत ही बारीकी से पेश किया जा सके।
गंगूबाई काठियावाड़ी में अफसान के रूप में शांतनु माहेश्वरी
शांतनु माहेश्वरी ने फिल्म में गंगूबाई (आलिया भट्ट द्वारा निभाया गया किरदार) के प्रेमी अफसान की भूमिका निभाई है। कहानी गंगूबाई के सफ़र पर आधारित है, लेकिन भंसाली ने यह दिखाना ज़रूरी समझा है कि अफ़सान गंगूबाई की ज़िंदगी में कितना जरूरी शख्स है। उसके इंट्रोडक्शन से लेकर अंत तक, फ़िल्म मेकर ने सुनिश्चित किया कि उनकी मौजूदगी हर जगह महसूस हो।
हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार में उस्ताद के रूप में इंद्रेश मलिक
उस्ताद के रूप में इंद्रेश मलिक “हीरामंडी” में एक महत्वपूर्ण किरदार है। फिल्ममेकर ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि उनकी मौजूदगी वेश्याओं की दुनिया में महसूस की जाए। इस तरह से एक्टर ने किरदार में ढलते स्क्रीन पर अपने व्यवहार दिल जीता है।
गोलियों की रासलीला राम-लीला में रसीला के रूप में ऋचा चड्ढा
ऋचा चड्डा एक कमाल की एक्ट्रेस हैं और भंसाली ने राम-लीला में उनके हुनर का बखूबी इस्तेमाल किया है। ऋचा ने लीला के किरदार को अपना पूरा सपोर्ट दिया है और खुद के त्याग को बखूबी दिखाया है, जिससे उनका किरदार यादगार बन गया।
देवदास में काली बाबू के रूप में मिलिंद गुनाजी
मिलिंद गुनाजी में एक एक्टर के रूप में एक अलग ही आकर्षण है, और काली बाबू के रूप में वे बेहतरीन रहे। संजय लीला भंसाली ने उन्हें एक ऐसी भूमिका दी, जिसमें उनके डायलॉग्स ने कहानी में एक नया आयाम जोड़ दिया, जिससे पूरी फिल्म में उनकी मौजूदगी खास हो गई।