Jobs In India: पढ़ाई लिखाई के बाद सपना एक अदद नौकरी की होती है। लेकिन नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहा है। वित्त वर्ष 2024 में करीब दर्जन भर लिस्टेड लाइफस्टाइल,ग्रासरी रिटेलर्स , क्विक सर्विस रेस्टोरेंट ने एंप्लाई की संख्या में करीब 26 हजार की कटौती की है। पिछले दो वित्तीय वर्ष की तुलना में यह सबसे बड़ी छंटनी है। इसके पीछे की वजह डिमांड में कमी बतायी जा रही है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यह कमी पूरी तरह से पांच खुदरा विक्रेताओं – रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा शाखा, टाइटन, रेमंड, पेज और स्पेंसर – के नेतृत्व में हुईजिनके संयुक्त कार्यबल में 17% या 52,000 लोगों की कमी देखी गई।
कर्मचारियों की संख्या स्थायी और संविदा कर्मचारियों में थी और खुदरा क्षेत्र में होने वाली छंटनी के लिए समायोजित की गई थी, जो कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। इन खुदरा विक्रेताओं के पास वित्त वर्ष 24 में 429,000 लोगों का संयुक्त कार्यबल था, जबकि एक साल पहले यह संख्या 455,000 थी।
कुछ कंपनियों का नौकरी देने पर ब्रेक
देश में संगठित खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय खुदरा विक्रेता संघ का कहना है कि टैलेंट की कमी है, हम विश्वविद्यालयों के साथ गठजोड़ करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि उद्योग के पास नियुक्ति का विकल्प हो। कुछ कंपनियों द्वारा अपने कुछ कारोबार बंज कर दिए गए तो उसका असर भी नौकरी पर पड़ा। लेकिन शॉपर्स स्टॉप और ट्रेंट जैसी कंपनियां विस्तार जारी रखे हुए हैं और उन्हें कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।
महंगाई, ब्याज दरों में वृद्धि, स्टार्टअप और आईटी जैसे क्षेत्रों में नौकरी छूटने और अर्थव्यवस्था में समग्र मंदी के कारण दिवाली 2022 से उपभोक्ताओं ने परिधान, जीवनशैली उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक्स और बाहर खाने-पीने जैसे गैर-जरूरी खर्चों को कम करना शुरू कर दिया था। महामारी के बाद की अवधि में कपड़ों से लेकर कारों तक सभी क्षेत्रों में खर्च में उछाल के बाद भारत की खुदरा बिक्री का विस्तार पिछले साल 4% तक धीमा हो गया, जो कि रिवेंज शॉपिंग से प्रेरित था।
आरआईएल ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024 में कुल स्वैच्छिक अलगाव वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था और खुदरा उद्योग में आमतौर पर कर्मचारियों की टर्नओवर दर अधिक होती है, खासकर स्टोर संचालन में। कमज़ोर बिक्री के कारण इन खुदरा विक्रेताओं ने कम से कम पाँच वर्षों में स्टोर विस्तार की सबसे धीमी गति 9% पर देखी गई। वाणिज्यिक रियल एस्टेट सेवा फर्म CBRE के अनुसार, खुदरा क्षेत्र ने 2023 में शीर्ष आठ शहरों में 7.1 मिलियन वर्ग फीट जगह ली, जो 2024 में घटकर 6-6.5 मिलियन वर्ग फीट रह जाने की उम्मीद है।