जापान: हर बच्चे पर माता-पिता को मिलेगी मंथली सैलरी
जापान दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. लेकिन बाकी विकसित देशों के मुकाबले यहां आबादी बढ़ने की बजाय कम होती जा रही है. जापान की जनसंख्या 2017 में अपने शिखर पर 12.80 करोड़ थी. 2021 तक आते-आते यह 12.57 करोड़ की हो गई. जापान की सरकार को चिंता है कि अगर वृद्धि दर ऐसे ही गिरता रहा तो इस सदी के अंत तक जापान की जनसंख्या आधी हो सकती है. कोरोनोवायरस महामारी से पहले मेडिकल जर्नल द लांसेट ने अनुमान लगाया था कि सदी के अंत तक जापान की कुल आबादी 5.3 करोड़ हो जाएगी.
रूस: राष्ट्रीय दिवस की घोषणा, कपल्स को मिलती है काम से छुट्टी
जापान की तरह रूस में भी गिरती आबादी एक बड़ी समस्या है. रूस की सांख्यिकी एजेंसी रोसस्टैट का अनुमान है कि 2046 तक जनसंख्या 14.6 करोड़ से गिरकर 13 करोड़ रह जाएगी. जनसंख्या वृद्धि दर न गिरे इसलिए प्रशासन ने कम आय वाले परिवारों के 8-17 साल की आयु के बच्चों के लिए मासिक लाभ देने की शुरूआत की है. प्रति बच्चा मासिक लाभ औसतन कुल 6,000 से 12,000 रूबल (11 हजार रुपए) होगा.रूस में गिरती आबादी से निपटने के लिए बकायदा एक राष्ट्रीय दिवस की स्थापना की है. इसे डे आॅफ कंसेप्शन यानी गर्भाधान दिवस कहा जाता है. यह 12 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन कपल्स को काम से छुट्टी दी जाती है ताकि वो बच्चे कर सके. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वे सफल होते हैं तो उन्हें एक कार, नकदी या फ्रिज का पुरस्कार दिया जाता है. इसी तरह एक और सरकारी स्कीम है जिसमें 12 जून (रूस दिवस) पर बच्चे को जन्म देने वालों को पुरस्कार मिलता है.
इटली: जन्म-संबंधी उपायों के लिए 1 बिलियन यूरो का बजट
इटली में प्रति महिला फर्टिलिटी रेट महज 1.43 है, जो यूरोप के औसत 1.58 से भी कम है. सरकार ने कई योजना बनाई है, जिसके जरिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पैदा करने के लिए जागरुक किया जा रहा है. 2023 को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित बजट कानून 2024, परिवार-अनुकूल और जन्म-संबंधी उपायों के लिए 1 बिलियन यूरो (9 हजार करोड़) आवंटित करता है.योजना में पेरंटल लीव के दूसरे महीने के वेतन को 80% तक बढ़ा दिया गया है. अगर माता-पिता को आर्थिक मदद की जरूरत होती है तो सरकार बच्चों की शिक्षा और बाकी खर्च उठाती है.सन 1990 के बाद से जन्मदर लगातार कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, वर्ष 2018 में यहां जनसंख्या की वृद्धि दर -0.50 % है। यहां के हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि सरकार ने बच्चे न पैदा करने वाले दंपत्तियों पर ज्यादा टैक्स लगाना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो दंपत्ति बच्चे पैदा नहीं करती है, उन्हें 20 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना पड़ता है।
रोमानिया: बच्चा न करने पर देना होता था ज्यादा टैक्स
रोमानिया में जन्म दर यूरोपीय संघ में सबसे अधिक है, लेकिन यह 2.1 के प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है. साथ ही ज्यादातर कामकाजी उम्र के लोग देश के बाहर जाना पसंद कर रहे हैं, जिसकी वजह से वर्कफोर्स वाली जनसंख्या में गिरावट आ रही है. लोगों को बच्चा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 18 साल तक की आयु के उन बच्चों को राज्य भत्ता दिया जाता है जो रोमानिया में कानूनी रूप से निवासी हैं. ग्रेजुएशन पूरी होने तक ये भत्ता मिलता है.एक समय पर रोमानिया में जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई तरह के सख्त कानून लागू हुए थे. अगर चिकित्सकों को राज्य का दिया हुआ मासिक जन्म कोटा हासिल करना होता था. ऐसा न करने पर उनकी सैलरी कटती थी. हर कुछ महीनों में गर्भावस्था परीक्षण करना जरूरी बना दिया गया. इसके अलावा, यदि शादी के 2 साल बाद भी कोई संतान नहीं होती, तो प्रत्येक साथी को अधिक टैक्स चुकाना पड़ता था.
जापान: हर बच्चे पर माता-पिता को मिलेगी मंथली सैलरी
जापान दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. लेकिन बाकी विकसित देशों के मुकाबले यहां आबादी बढ़ने की बजाय कम होती जा रही है. जापान की जनसंख्या 2017 में अपने शिखर पर 12.80 करोड़ थी. 2021 तक आते-आते यह 12.57 करोड़ की हो गई. जापान की सरकार को चिंता है कि अगर वृद्धि दर ऐसे ही गिरता रहा तो इस सदी के अंत तक जापान की जनसंख्या आधी हो सकती है. कोरोनोवायरस महामारी से पहले मेडिकल जर्नल द लांसेट ने अनुमान लगाया था कि सदी के अंत तक जापान की कुल आबादी 5.3 करोड़ हो जाएगी.
रूस: राष्ट्रीय दिवस की घोषणा, कपल्स को मिलती है काम से छुट्टी
जापान की तरह रूस में भी गिरती आबादी एक बड़ी समस्या है. रूस की सांख्यिकी एजेंसी रोसस्टैट का अनुमान है कि 2046 तक जनसंख्या 14.6 करोड़ से गिरकर 13 करोड़ रह जाएगी. जनसंख्या वृद्धि दर न गिरे इसलिए प्रशासन ने कम आय वाले परिवारों के 8-17 साल की आयु के बच्चों के लिए मासिक लाभ देने की शुरूआत की है. प्रति बच्चा मासिक लाभ औसतन कुल 6,000 से 12,000 रूबल (11 हजार रुपए) होगा.रूस में गिरती आबादी से निपटने के लिए बकायदा एक राष्ट्रीय दिवस की स्थापना की है. इसे डे आॅफ कंसेप्शन यानी गर्भाधान दिवस कहा जाता है. यह 12 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन कपल्स को काम से छुट्टी दी जाती है ताकि वो बच्चे कर सके. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वे सफल होते हैं तो उन्हें एक कार, नकदी या फ्रिज का पुरस्कार दिया जाता है. इसी तरह एक और सरकारी स्कीम है जिसमें 12 जून (रूस दिवस) पर बच्चे को जन्म देने वालों को पुरस्कार मिलता है.
इटली: जन्म-संबंधी उपायों के लिए 1 बिलियन यूरो का बजट
इटली में प्रति महिला फर्टिलिटी रेट महज 1.43 है, जो यूरोप के औसत 1.58 से भी कम है. सरकार ने कई योजना बनाई है, जिसके जरिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पैदा करने के लिए जागरुक किया जा रहा है. 2023 को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित बजट कानून 2024, परिवार-अनुकूल और जन्म-संबंधी उपायों के लिए 1 बिलियन यूरो (9 हजार करोड़) आवंटित करता है.योजना में पेरंटल लीव के दूसरे महीने के वेतन को 80% तक बढ़ा दिया गया है. अगर माता-पिता को आर्थिक मदद की जरूरत होती है तो सरकार बच्चों की शिक्षा और बाकी खर्च उठाती है.सन 1990 के बाद से जन्मदर लगातार कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, वर्ष 2018 में यहां जनसंख्या की वृद्धि दर -0.50 % है। यहां के हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि सरकार ने बच्चे न पैदा करने वाले दंपत्तियों पर ज्यादा टैक्स लगाना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो दंपत्ति बच्चे पैदा नहीं करती है, उन्हें 20 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना पड़ता है।
रोमानिया: बच्चा न करने पर देना होता था ज्यादा टैक्स
रोमानिया में जन्म दर यूरोपीय संघ में सबसे अधिक है, लेकिन यह 2.1 के प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है. साथ ही ज्यादातर कामकाजी उम्र के लोग देश के बाहर जाना पसंद कर रहे हैं, जिसकी वजह से वर्कफोर्स वाली जनसंख्या में गिरावट आ रही है. लोगों को बच्चा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 18 साल तक की आयु के उन बच्चों को राज्य भत्ता दिया जाता है जो रोमानिया में कानूनी रूप से निवासी हैं. ग्रेजुएशन पूरी होने तक ये भत्ता मिलता है.एक समय पर रोमानिया में जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई तरह के सख्त कानून लागू हुए थे. अगर चिकित्सकों को राज्य का दिया हुआ मासिक जन्म कोटा हासिल करना होता था. ऐसा न करने पर उनकी सैलरी कटती थी. हर कुछ महीनों में गर्भावस्था परीक्षण करना जरूरी बना दिया गया. इसके अलावा, यदि शादी के 2 साल बाद भी कोई संतान नहीं होती, तो प्रत्येक साथी को अधिक टैक्स चुकाना पड़ता था.