Tax On Crude Oil: सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को मंगलवार से 3,250 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति टन कर दिया है।
कच्चे तेल पर बढाया टैक्स
केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 3,250 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति टन कर दिया है। सोमवार को जारी आधिकारिक गजट अधिसूचना के अनुसार, विशेष कर में यह संशोधन 2 जुलाई से प्रभावी होगा। सरकार ने करीब एक पखवाड़े पहले कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 5,200 रुपये से घटाकर 3,250 रुपये कर दिया था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च स्तर पर कारोबार
अंतरराष्ट्रीय कच्चा तेल वर्तमान में लगभग दो महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है। सोमवार को बढ़ने के बाद ब्रेंट क्रूड 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा था, जबकि मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक संकट के कारण वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 83 डॉलर से ऊपर था। कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने कहा, “युद्ध में वृद्धि की स्थिति में आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।” अप्रत्याशित कर की आमतौर पर हर दो सप्ताह में समीक्षा की जाती है। हर पखवाड़े संशोधित होने वाला यह कर डीजल, पेट्रोल और विमानन टरबाइन ईंधन के लिए शून्य पर अपरिवर्तित रहता है।

फर्म रिफाइनिंग मार्जिन से मिलेगा लाभ

अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर लगाए गए कर को विंडफॉल टैक्स कहा जाता है। भारत ने जुलाई 2022 में कच्चे तेल उत्पादकों और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाना शुरू किया, ताकि निजी रिफाइनर को नियंत्रित किया जा सके जो स्थानीय स्तर पर ईंधन बेचने के बजाय विदेशों में बेचना चाहते थे, ताकि फर्म रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ उठा सकें।
(Input From ANI)
नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।






