Demonetisation Fraud News: नोटबंदी (Demonetisation) को लगभग 9 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी बंद हो चुके 500 और 1000 के पुराने नोट बाहर आ रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर रद्दी बन चुकी यह करेंसी कहां से आ रही है? हाल ही में दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसके पास से 3.5 करोड़ रुपये (सवा तीन करोड़) के प्रतिबंधित पुराने नोट बरामद हुए हैं।
इस मामले में चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूछताछ में इन युवकों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि वे किसी बड़े लालच में नहीं, बल्कि अपनी कड़ी आर्थिक मजबूरियों के चलते इस गैरकानूनी नेटवर्क का हिस्सा बने थे। यह रैकेट पुराने नोटों को कमीशन पर बदलने का झांसा देकर धोखाधड़ी कर रहा था।
आर्थिक मजबूरी ने बनाया अपराधी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कहानियां समाज की एक कड़वी सच्चाई को बयां करती हैं:
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जयप्रकाश ठाकुर: यह एक जिम ट्रेनर था। 18 महीने पहले नौकरी छूट गई और बेरोजगारी के कारण पत्नी भी छोड़कर चली गई। दो बेटों (17 और 19 साल) की जिम्मेदारी और घर खर्च चलाने की मजबूरी ने उसे इस दलदल में धकेल दिया।
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हर्ष: यह आरोपी लक्ष्य का चचेरा भाई है। जल्दी पैसा कमाने की चाहत में वह इस गिरोह में शामिल हुआ।
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लक्ष्य: इसकी फरवरी 2026 में शादी होने वाली थी। शादी के खर्च के लिए मंगेतर के खाते से लोन लिया था, जिसे चुकाने का भारी दबाव था। इसी दबाव में वह टेकचंद के संपर्क में आया और अपराध की दुनिया में कदम रखा।
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विपिन कुमार: यह मनी ट्रांसफर का बिजनेस करता था। इसे आशीष और तरुण नाम के लोगों ने पुराने नोट बदलवाने पर मोटे कमीशन का लालच दिया था।
रद्दी नोटों का खेल
पुलिस और बैंक साफ कर चुके हैं कि ये नोट अब रद्दी के सिवाय कुछ नहीं हैं। न तो कोई बैंक इन्हें स्वीकार करेगा और न ही आरबीआई (RBI)। इसके बावजूद, शातिर ठग भोले-भाले लोगों को यह कहकर फंसा रहे थे कि वे कमीशन लेकर इन नोटों को बदलवा देंगे।
पुलिस कार्रवाई और जांच
गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मुख्य सरगना को भी पकड़ लिया है। मामले की तह तक जाने के लिए विशेष जांच टीमें (SIT) गठित की गई हैं और लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इतने साल बाद भी करोड़ों की पुरानी करेंसी कहां छिपाई गई थी और इसका असली मालिक कौन है।
आम पाठक पर असर
यह खबर एक चेतावनी है कि जल्दी पैसा कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता। अक्सर आर्थिक मजबूरियों का फायदा उठाकर अपराधी लोगों को ऐसे जाल में फंसाते हैं। किसी भी तरह के ‘करेंसी एक्सचेंज’ या पुराने नोट बदलवाने के ऑफर से सावधान रहें, क्योंकि यह पूरी तरह गैरकानूनी और धोखा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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बड़ी बरामदगी: दिल्ली के शालीमार बाग से 3.5 करोड़ के पुराने प्रतिबंधित नोट जब्त।
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गिरफ्तारी: 4 युवक गिरफ्तार, जिन्होंने आर्थिक तंगी और कर्ज के कारण अपराध किया।
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तरीका: पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने के नाम पर ठगी का रैकेट चल रहा था।
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चेतावनी: बैंक और आरबीआई स्पष्ट कर चुके हैं कि पुरानी करेंसी की अब कोई वैल्यू नहीं है।
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जांच: पुलिस मुख्य आरोपियों तक पहुंचने और नोटों के स्रोत का पता लगाने में जुटी है।






