8th Pay Commission Latest News के बीच देश भर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने की उम्मीदों के बीच, सोशल मीडिया पर एक डराने वाला मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया गया है कि सरकार ने पेंशनर्स के महंगाई भत्ते (DA) और अन्य लाभों पर रोक लगा दी है। इस खबर ने देश के 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स की नींद उड़ा दी थी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने खुद आगे आकर इस पूरे मामले पर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है।
वायरल मैसेज का क्या है दावा?
दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से घूम रहा है, जिसने सरकारी महकमे में हड़कंप मचा दिया है। इस मैसेज में फाइनेंस एक्ट 2025 का हवाला देते हुए कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने पेंशन धारकों के लिए DA में बढ़ोतरी और वेतन आयोग से जुड़े अन्य लाभों को बंद करने का फैसला किया है। चूंकि 8वें वेतन आयोग को लेकर पहले ही कर्मचारियों के मन में Fitment Factor, सैलरी और पेंशन को लेकर उत्सुकता बनी हुई है, ऐसे में इस तरह की खबर ने लोगों को कन्फ्यूजन और डर में डाल दिया था।
सरकार ने बताया ‘फर्जी’ है यह दावा
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है। केंद्र सरकार की सूचना एजेंसी, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस वायरल पोस्ट की गहनता से जांच की है। PIB Fact Check में यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि यह दावा 100% Fake (फर्जी) है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के DA को लेकर ऐसा कोई भी फैसला नहीं किया है और न ही वेतन आयोग के लाभों को बंद करने का कोई विचार है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
क्या है CCS पेंशन नियम का सच?
हालांकि, PIB ने अपनी सफाई में यह भी माना है कि CCS Pension Rules 2021 के रूल नंबर 37 में कुछ संशोधन जरूर हुए हैं, लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। सरकार के मुताबिक, यह नियम केवल उन विशेष स्थितियों के लिए है जब कोई सरकारी कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान दुराचार (Misconduct) या भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है। अगर किसी कर्मचारी को इन गंभीर वजहों से बर्खास्त किया जाता है, तो उसके रिटायरमेंट बेनिफिट्स रद्द किए जा सकते हैं। यह नियम मुख्य रूप से पीएसयू (PSU) में ट्रांसफर हुए कर्मचारियों के दुराचार से संबंधित है, न कि आम पेंशनर्स के DA रोकने के लिए।
DA को बेसिक सैलरी में जोड़ने पर क्या बोली सरकार?
इसके अलावा, कर्मचारियों के मन में एक और बड़ा सवाल था कि क्या बढ़े हुए महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी (Basic Salary) में मर्ज किया जाएगा? इस पर संसद के शीतकालीन सत्र में सांसद आनंद भदौरिया के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि फिलहाल DA या महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
कर्मचारी संगठन कर रहे थे मांग
सांसद ने मुद्दा उठाया था कि पिछले 30 सालों में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि मौजूदा DA और DR असली खर्चों की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए कर्मचारी संगठन मांग कर रहे थे कि कम से कम 50% DA को मूल वेतन में शामिल किया जाए। हालांकि मंत्री के जवाब का मतलब यह नहीं है कि यह भविष्य में नहीं होगा, बल्कि इसका अर्थ यह है कि अभी इस पर कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में कर्मचारियों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया अभी चल रही है और तीन सदस्यीय पैनल इस पर मंथन कर रहा है।
क्या है पृष्ठभूमि
देश में 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना संभावित है, जिसका लाभ 2027 तक मिलने की उम्मीद है। इसी बीच सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी कि फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत पेंशनर्स के लाभ रोके जा रहे हैं, जिसे सरकार ने अब पूरी तरह खारिज कर दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सोशल मीडिया पर DA और पेंशन लाभ बंद करने का वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है।
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सरकार ने स्पष्ट किया कि फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।
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CCS Pension Rule का संशोधन केवल भ्रष्टाचार या दुराचार के दोषी कर्मचारियों पर लागू होता है।
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फिलहाल DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।






