8th Central Pay Commission: देश भर के लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी इन दिनों आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर उम्मीद भरी नजरों से सरकार की तरफ देख रहे हैं। 3 नवंबर को टर्म ऑफ रेफरेंस का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही एक बड़ा सवाल सभी के मन में है कि क्या आठवें वेतन आयोग के जरिए उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होगी? खासकर पेंशनभोगियों को यह चिंता सता रही है कि क्या महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को बेसिक पे में मिलाकर उन्हें तुरंत कोई राहत दी जाएगी या नहीं? अब इन तमाम सवालों और शंकाओं का समाधान 2 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में मिलने की उम्मीद है।
आगामी 2 दिसंबर को राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आठवें वेतन आयोग और पेंशन से जुड़े कई तीखे सवाल पूछे जाएंगे। राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान और रामजीलाल सुमन ने आठवें वेतन आयोग के नए टर्म ऑफ रेफरेंस (TOR) और पेंशन नीति के संदर्भ में ये महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं।
वित्त मंत्री से पूछे जाएंगे ये बड़े सवाल
-
क्या सरकार نے आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है? यदि हां, तो उसके विस्तृत विवरण यानी ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ क्या हैं?
-
क्या केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तत्काल राहत देने के लिए मौजूदा डीए और डीआर को बेसिक पे के साथ मर्ज करने पर विचार कर रही है? अगर ऐसा है, तो इसका पूरा ब्यौरा क्या है? और अगर नहीं, तो इसके पीछे की वजह क्या है?
-
क्या आठवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन संशोधन (Pension Revision) का प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों किया गया है, इसका कारण बताया जाए।
राज्यसभा की वेबसाइट पर जारी प्रश्नों की सूची में ये सवाल स्पष्ट रूप से पूछे गए हैं। सरकार को यह बताना होगा कि आठवीं पे कमीशन की अधिसूचना जारी हुई है या नहीं, उसके निर्देश क्या हैं और सबसे अहम बात, पेंशन संबंधी प्रस्ताव उसमें शामिल हैं या नहीं।
पेंशनभोगियों की चिंता और यूनियनों की नाराजगी
हालांकि, आठवें वेतन आयोग का गठन हो चुका है और इसके अध्यक्ष का नाम भी नामित कर दिया गया है। उम्मीद है कि आयोग अपनी रिपोर्ट अगले 12 से 18 महीनों में सौंप सकता है। लेकिन पेंशनर्स और कर्मचारियों की असली चिंता इस बात को लेकर है कि क्या पेंशन की दर और राहत में कोई बदलाव होगा?
कई कर्मचारी यूनियनों और पेंशनर्स समूहों ने ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ में पेंशन सुधार का स्पष्ट उल्लेख न होने पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि अगर डीए और डीआर को बेसिक पे में मिला दिया जाता है, तो पेंशनभोगियों को तत्काल एक बड़ी राहत मिलेगी। यदि पेंशन सुधार नहीं होता है, तो उन्हें पुरानी दरों पर ही गुजारा करना होगा, जो बढ़ती महंगाई के दौर में मुश्किल होता जा रहा है।
2 दिसंबर पर टिकीं सबकी नजरें
अब सबकी निगाहें 2 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी हैं। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन सवालों का जवाब देंगी, तब यह स्थिति साफ हो पाएगी कि आठवां वेतन आयोग पेंशनभोगियों के लिए वास्तविक राहत लेकर आएगा या सिर्फ उम्मीदों का एक और पुलिंदा साबित होगा। यह दिन देश के लाखों पेंशनर्स के लिए बेहद अहम साबित होने वाला है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
आठवें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस को लेकर पेंशनभोगियों में चिंता है।
-
2 दिसंबर को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डीए और डीआर मर्जर पर सवाल पूछे जाएंगे।
-
राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान और रामजीलाल सुमन ने ये अहम सवाल उठाए हैं।
-
कर्मचारी यूनियनें टीओआर में पेंशन सुधार का स्पष्ट उल्लेख न होने से नाराज हैं।
-
आयोग अपनी रिपोर्ट 12 से 18 महीने में दे सकता है, लेकिन पेंशनर्स तत्काल राहत की मांग कर रहे हैं।






