Anna Hazare Protest News: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है और इसकी वजह हैं देश के जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे। 88 साल के इस योद्धा ने एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद कर दी है। अन्ना हजारे ने 30 जनवरी 2026 से आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान किया है। यह तारीख बेहद खास है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होती है। इस घोषणा के साथ ही एक बार फिर 2011 के उस ऐतिहासिक आंदोलन की यादें ताजा हो गई हैं, जिसने दिल्ली के रामलीला मैदान से लेकर पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
फडणवीस सरकार के लिए बड़ी टेंशन
अन्ना हजारे के इस ऐलान ने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। अन्ना की मुख्य मांग है कि महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। उनका कहना है कि इस कानून को मंजूरी मिले दो साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक यह फाइलें सरकारी दफ्तरों में ही घूम रही हैं और जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ है। इसी देरी को लेकर अन्ना का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
‘हार्ट अटैक से मरने से बेहतर है देश के लिए जान दूं’
अन्ना हजारे का एक बेहद भावुक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “हार्ट अटैक से मरने से बेहतर है कि देश और समाज के लिए प्राण त्याग दूं। जब तक लोकायुक्त कानून लागू नहीं होता, अनशन चलता रहेगा।” उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि अब और इंतजार नहीं होगा। इस अल्टीमेटम के बाद नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र का माहौल भी गर्म हो गया है, क्योंकि सरकार के तमाम मंत्री और नेता राजधानी में ही मौजूद हैं।
क्या दोहराया जाएगा 2011 का इतिहास?
यह दबाव इसलिए भी जायज है क्योंकि 2011 में अन्ना के आंदोलन ने पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लहर पैदा कर दी थी। “अन्ना जागो” के नारों के साथ लाखों लोगों की भीड़ हाथों में तिरंगा लिए सड़कों पर उतर आई थी। उस आंदोलन ने देश की राजनीति की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी थी। आज 14 साल बाद अन्ना उसी दृढ़ता के साथ मैदान में उतरने जा रहे हैं।
इस बार अपने ही गांव में होगा ‘महाभारत’
दिलचस्प बात यह है कि जिस दौर में अन्ना सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं, केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार, दोनों ही जगह बीजेपी और एनडीए की सरकारें हैं। अन्ना ने साफ किया है कि उन्होंने जीवन भर देश की भलाई के लिए काम किया है और अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा। उनका संकल्प है कि लोकायुक्त कानून लागू होने तक वे आखिरी सांस तक पीछे नहीं हटेंगे। इस बार अन्ना रामलीला मैदान की तर्ज पर अपने गांव रालेगण सिद्धि में ही अनशन पर बैठेंगे।
जानें पूरा मामला
अन्ना हजारे जिस लोकायुक्त कानून के लिए अनशन पर बैठने जा रहे हैं, उसे भ्रष्टाचार से लड़ने का एक मजबूत हथियार माना जाता है। यह कानून पारित तो हो चुका है, लेकिन इसकी नोटिफिकेशन, नियम और लागू होने की प्रक्रिया अभी अटकी हुई है। इसी देरी ने अन्ना को एक बार फिर आंदोलन की राह पर ला खड़ा किया है। अब देखना यह है कि क्या सरकार 30 जनवरी से पहले कोई रास्ता निकालती है या 88 साल के अन्ना हजारे को एक और आमरण अनशन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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अन्ना हजारे 30 जनवरी 2026 से महाराष्ट्र में आमरण अनशन करेंगे।
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उनकी मांग लोकायुक्त कानून को तुरंत लागू करने की है, जो 2 साल से लंबित है।
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अन्ना ने सीएम फडणवीस को अल्टीमेटम दिया है कि अब और इंतजार नहीं होगा।
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यह अनशन रालेगण सिद्धि में होगा और इसका संकल्प ‘आखिरी सांस तक’ है।






