Minimum Support Price (MSP) को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता सोमवार (19 मार्च) को हुई, लेकिन यह बैठक भी बिना नतीजे के खत्म हो गई। चार घंटे तक चली इस बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि चर्चा सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण रही, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। अब अगली बैठक 4 मई को होगी।
इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के 28 किसान नेता शामिल हुए। इनकी अगुआई जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) और सरवन सिंह पंधेर (Sarwan Singh Pandher) ने की। दूसरी ओर, केंद्र सरकार की ओर से बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) और पीयूष गोयल (Piyush Goyal) मौजूद रहे। पंजाब सरकार की ओर से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियान (Gurmeet Singh Khudian) और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) भी शामिल हुए।
केंद्र सरकार अब किसानों से जुड़े व्यापारियों से भी करेगी चर्चा
बैठक के बाद पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली बैठक में किसान संगठनों ने सरकार को अपनी मांगों की सूची सौंपी थी। इस पर केंद्र सरकार ने किसानों से विस्तृत चर्चा की, जिसमें MSP, कृषि नीतियां और अन्य मुद्दे शामिल थे। सरकार का कहना है कि अब वह किसानों से जुड़े व्यापारियों और अन्य संबंधित पक्षों से भी चर्चा करेगी। इसके बाद ही किसी ठोस निर्णय पर पहुंचा जाएगा। इस विषय पर 4 मई को दोबारा बैठक होगी।
किसान बोले- अचानक बॉर्डर पर बढ़ाई गई पुलिस फोर्स!
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बैठक के बाद कहा कि अचानक शंभू (Shambhu) और खनौरी (Khanauri) बॉर्डर पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह सुरक्षा के लिए है या सरकार को कोई इनपुट मिला है? उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भी सरकार से बात की जाएगी।
इससे पहले, जब मोहाली (Mohali) से किसान चंडीगढ़ (Chandigarh) जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया था। करीब 35-40 वाहनों को चंडीगढ़ में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने कहा कि उन्हें किसानों को आगे जाने देने का कोई आदेश नहीं मिला है। हालांकि, आधे घंटे के बाद उन्हें अनुमति दे दी गई।
सरकार को जल्द हल निकालना होगा – पंधेर
मीटिंग से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि अब जल्द से जल्द कोई हल निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन को लंबा समय हो गया है और सरकार के अपने आंकड़े बता रहे हैं कि देश के 15 करोड़ किसान परिवार इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘देश की 60% आबादी खेती से जुड़ी है, ऐसे में MSP कानून पर ठोस निर्णय जरूरी है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस दिशा में जल्द कोई समाधान निकालेगी।’