Jeffrey Epstein Files Missing : अमेरिका में इस वक्त सबसे बड़ा सियासी भूचाल आया हुआ है। 20 दिसंबर को US Department of Justice (DOJ) की वेबसाइट पर सेक्स ट्रैफिकर जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज अपलोड किए गए, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अपलोड होने के महज 24 घंटे के भीतर ही 16 बेहद अहम दस्तावेज वहां से गायब हो गए। इन गायब फाइलों में पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump से जुड़ी एक विवादित तस्वीर होने का दावा किया जा रहा है, जिसने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है।
पर्दे के पीछे का खेल और गायब सुबूत
जेफरी एपस्टीन कोई मामूली अपराधी नहीं था, उस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और High Profile Sex Trafficking रैकेट चलाने के आरोप थे। उसकी मौत जेल में रहस्यमयी हालात में हुई थी। अब जब कोर्ट के आदेश पर फाइलें सार्वजनिक की जा रही थीं, तो अचानक 16 दस्तावेजों का डिलीट होना किसी गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। सरकार की तरफ से न कोई आधिकारिक बयान आया है और न ही कोई सफाई। यह खामोशी बता रही है कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है।
‘ट्रंप और मेलानिया की वो विवादित तस्वीर’
सबसे ज्यादा हंगामा उस एक तस्वीर को लेकर है जो उन 16 गायब फाइलों का हिस्सा बताई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि उस फोटो में Donald Trump, उनकी पत्नी Melania Trump, जेफरी एपस्टीन और उसकी सहयोगी Ghislaine Maxwell एक साथ नजर आ रहे थे। इसके अलावा, हटाए गए दस्तावेजों में एपस्टीन के घरों की कुछ तस्वीरें थीं, जिनमें निवस्त्र महिलाओं की पेंटिंग्स और संदिग्ध वस्तुएं दिखाई दे रही थीं। सवाल यह है कि अगर ये दस्तावेज पब्लिक करने लायक थे, तो इन्हें हटाया क्यों गया?
‘सिस्टम पर सवाल: क्या छिपाया जा रहा है?’
जैसे ही फाइलें गायब हुईं, अमेरिका की संसद की निगरानी समिति के Democrat सदस्यों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मोर्चा खोल दिया। उन्होंने सीधा सवाल दागा कि अगर एक तस्वीर हटाई जा सकती है, तो और क्या-क्या छिपाया जा रहा है? आलोचकों का कहना है कि Bill Clinton और Prince Andrew जैसे नाम तो सामने रखे गए, लेकिन कुछ बेहद संवेदनशील हिस्सों को या तो अधूरा रखा गया या पूरी तरह हटा दिया गया।
‘क्या सिर्फ आधा सच ही बताया गया?’
विशेषज्ञों का मानना है कि एपस्टीन कांड का सबसे काला सच अभी भी फाइलों में कैद है। FBI द्वारा लिए गए पीड़ितों के विस्तृत इंटरव्यू और अभियोजकों की आंतरिक टिप्पणियां अभी तक सामने नहीं आई हैं। यही वो दस्तावेज हैं जो बता सकते थे कि आखिर किन दबावों के चलते एपस्टीन को सालों पहले मामूली सजा देकर छोड़ दिया गया था। 20 तारीख को जारी दस्तावेजों में 1996 की एक शिकायत का जिक्र था, जिसमें एपस्टीन पर बच्चों की फोटो चुराने का आरोप था, लेकिन पूरी कहानी अब भी नदारद है।
‘संपादकीय विश्लेषण: सत्ता का संरक्षण और न्याय का मजाक’
यह घटनाक्रम साबित करता है कि जब अपराध के तार सत्ता के गलियारों से जुड़ते हैं, तो सुबूतों को ‘गायब’ होने में वक्त नहीं लगता। 16 दस्तावेजों का अचानक हटना कोई तकनीकी खराबी नहीं हो सकती। यह ‘सिलेक्टिव ट्रांसपेरेंसी’ (चुनिंदा पारदर्शिता) का खेल है, जहां जनता को वही दिखाया जा रहा है जो ‘सुरक्षित’ है। अगर दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतंत्र में न्याय विभाग की वेबसाइट से सुबूत मिटाए जा सकते हैं, तो यह आम आदमी के न्याय की उम्मीद पर एक करारा तमाचा है। यह अब सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम द्वारा सच को कुचलने की दास्तां बन गई है।
‘जानें पूरा मामला’
जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी फाइनेंसर था, जिसके दुनिया भर के ताकतवर लोगों से संबंध थे। उस पर कम उम्र की लड़कियों की तस्करी का आरोप था। उसकी मौत के बाद, कोर्ट ने उससे जुड़े हजारों पेज के दस्तावेज सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। 20 दिसंबर को ये फाइलें DOJ की साइट पर आईं, लेकिन कुछ ही घंटों में ट्रंप और अन्य रसूखदारों से जुड़ी फाइलें वहां से हटा दी गईं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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DOJ की वेबसाइट से अपलोड होने के 24 घंटे के भीतर 16 अहम दस्तावेज डिलीट कर दिए गए।
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गायब फाइलों में Donald Trump, Melania और Epstein की एक साथ वाली फोटो होने का दावा है।
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डेमोक्रेट सांसदों ने इसे पारदर्शिता का उल्लंघन बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
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FBI के इंटरव्यू और पुराने मुकदमों में दी गई ढील से जुड़े दस्तावेज अभी भी सामने नहीं आए हैं।
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Bill Clinton और Prince Andrew के नाम लिस्ट में हैं, लेकिन नई जानकारी सीमित है।






