नई दिल्ली, 26 मई
देश अब कोरोना की दूसरी लहर का ग्राफ दिन प्रति दिन गिरता ही जा रही है। नए मामलों में कमी के साथ ही रिकवरी रेट भी लगातार बेहतर होता जा रही है। 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रिकवरी रेट या तो 90 प्रतिशत है या फिर उससे ज्यादा हो चुका है।
बेहतर होते रिकवरी रेट का असर आंकड़ों में भी दिखाई दे रहा है। मई महीने की शुरुआत में जहां एक्टिव मामलों की संख्या 37 लाख थी, वो अब 26 लाख पर पहुंच चुकी है। सबसे अधिक रिकवरी रेट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का है। यहां पर 97 फीसदी रिकवरी रेट है। इसके बाद यूपी, बिहार और हरियाणा में 94 फीसदी तो महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 93 फीसदी है। उत्तराखंड में रिकवरी रेट 80 फीसदी है तो नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की स्थिति अभी खराब है। मिजोरम, मेघालय और सिक्किम जैसे राज्यों में 70 से 76 फीसदी रिकवरी रेट है। हालांकि अभी नॉर्थ-ईस्ट में महामारी ने जोर पकड़ा हुआ है। एक्टिव केस की संख्या ज्यादा होने के पीछे ये एक मुख्य कारण है।
जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, पुडुचेरी, मणिपुर, ओडिशा और असम जैसे राज्यों का रिकवरी रेट 80 से 84 फीसदी के बीच है जो राष्ट्रीय औसत 89 से काफी कम है। अभी इन राज्यों को लगातार महामारी के खिलाफ लड़ाई में बेहद सतर्कता बनाए रखनी होगी।
बता दें इस महीने की शुरुआत में देश में 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई है। महामारी की ढलान के साथ ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज किया जा रहा है। अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल हो चुकी है। सरकार द्वारा कुछ दिनों पहले बताया गया था कि अगले कुछ महीने के भीतर वैक्सीन का उत्पादन तेजी के साथ बढ़ाया जाएगा। दिसंबर तक 200 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की बातें कही गई हैं।