नई दिल्ली, 28 मई
दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के संबंध में पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के मुकदमे को ‘सनसनीखेज’ बनाने से मीडिया को रोकने और आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग के लिए उचित नियम बनाने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती जिसे ‘सब जानते’ हैं। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि एक ‘जागरूक व्यक्ति’ कुमार की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया ने हत्या के ऐसे मामले में अपनी रिपोर्टिंग से उनकी छवि बिगाड़ी है जिसमें वह एक आरोपी हैं। अदालत ने कहा, ‘आप एक व्यक्ति के लिए जनहित याचिका दायर नहीं कर सकते। हमें एक जागरूक व्यक्ति की तरह से मुकदमे पर सुनवाई करने की कोई वजह नजर नहीं आती।’ इसके साथ ही अदालत ने कानून के एक छात्र द्वारा दायर याचिका का निस्तारण कर दिया। कानून के छात्र ने आरोप लगाया था कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े के संबंध में कुमार खिलाफ मामले की मीडिया रिपोर्टिंग से उनके करियर तथा साख को नुकसान पहुंचा है। छत्रसाल स्टेडियम में हुए इस झगड़े में 23 वर्षीय एक पहलवान की मौत हो गई थी। दिल्ली की एक अदालत ने 23 मई को कुमार को हत्या के संबंध में पूछताछ के लिए छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर है और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।