चुनावी बॉन्ड पर आपने अभी तक किया क्या? SBI की लेटलतीफी पर गुस्से में सुप्रीम कोर्ट

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चुनावी बॉन्ड पर आपने अभी तक किया क्या? SBI की लेटलतीफी पर गुस्से में सुप्रीम कोर्ट - supreme court on sebi plea on electoral bond latest news

नई दिल्ली, 11 मार्च (The News Air): सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए और वक्त मांगने पर एसबीआई को सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों के दौरान आपने क्या किया? इसपर एसबीआई ने कहा कि हमें आंकड़े देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन थोड़ा वक्त दे दिया जाए।

चुनाव आयोग को तुरंत जानकारी दें

चीफ जस्टिस ने कहा कि कृपया आप मुझे बताएं कि आप 26 दिनों से क्या कर रहे थे? इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप खुद स्वीकार कर रहे हैं कि डिटेल देने में आपको कोई दिक्कत नहीं है। तो इन 26 दिनों में तो काफी काम हो सकता था। कोर्ट ने SBI से कहा कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी तुरंत चुनाव आयोग को दें। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने SBI को आदेश दिया कि 6 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराए। इसमें राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी बॉन्ड को भुनाने की जानकारी भी शामिल हो।

SC के तीखे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई से पूछा कि अभी तक आपने क्या किया है? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ की सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कहा कि डेटा को डिकोड करने में वक्त लगेगा। एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने इसके लिए और वक्त की मांग की।

CJI बोले, हम आदेश देना शुरू करेंगे

जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि राजनीतिक दलों ने बॉन्ड के कैश कराने के लेकर जानकारी दे दी है। आपके पास पहले से डिटेल मौजूद है। इसपर साल्वे ने कहा कि हमें डेटा जुटाने के लिए थोड़ा वक्त दे दीजिए। इसके तुरंत बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस मामले में अब आदेश देंगे।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा बताए गए कारणों को ‘बचकाना’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि अपनी गरिमा की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है और जब संविधान पीठ फैसला सुना चुकी है तो एसबीआई की याचिका को स्वीकार करना ‘आसान नहीं होगा’। चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं के लिए दलीलें सिब्बल के नेतृत्व में पेश की गईं हैं।
सिब्बल ने कहा कि एसबीआई का दावा है कि डेटा को सार्वजनिक करने में कई सप्ताह लगेंगे, जिससे ऐसा लगता है कि ‘कोई किसी को बचाना चाहता है।’
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि एसबीआई का इरादा सरकार का बचाव करना है, अन्यथा बैंक ने चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि 30 जून तक बढ़ाए जाने का ऐसे समय में अनुरोध नहीं किया होता जब अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

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