Veg Thali Price : आम आदमी के लिए राहत की खबर है। अक्टूबर महीने में घर पर बनी वेज और नॉन-वेज, दोनों तरह की थालियां सस्ती हो गई हैं। क्रिसिल (Crisil) की मासिक ‘रोटी चावल रेट’ (RRR) रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना आधार पर वेज थाली की कीमत में 17% और नॉन-वेज थाली में 12% की बड़ी गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह सब्जियों और दालों के दामों में आई नरमी है।
सब्जियों ने दी सबसे बड़ी राहत
रिपोर्ट के अनुसार, थाली सस्ती होने का सबसे बड़ा कारण प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में भारी गिरावट है। प्याज के दाम 51% तक गिर गए क्योंकि नई फसल आने से पहले व्यापारियों ने पुराना स्टॉक निकाल दिया। वहीं, दक्षिण और पश्चिम भारत से अच्छी सप्लाई के कारण टमाटर 40% सस्ता हुआ। अच्छे उत्पादन के चलते आलू की कीमतों में भी 31% की कमी आई।
दालें भी हुईं सस्ती
सिर्फ सब्जियां ही नहीं, दालों ने भी आम आदमी को राहत दी है। बंगाल चना, पीली मटर और उड़द दाल के रिकॉर्ड आयात के कारण दालों की कीमतें सालाना आधार पर 17% नीचे आईं। बढ़ी हुई सप्लाई ने थाली की कुल लागत को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
तेल और गैस ने बिगाड़ा बजट
हालांकि, हर चीज सस्ती नहीं हुई। त्योहारों में बढ़ी मांग के कारण खाने के तेल (Edible Oil) की कीमतें 11% बढ़ गईं। इसके अलावा, LPG सिलेंडर भी 6% महंगा हुआ। इसी वजह से मासिक आधार पर वेज थाली की कीमत में सिर्फ 1% की ही कमी आ सकी।
चिकन सस्ता होने से नॉन-वेज थाली को फायदा
नॉन-वेज खाने वालों के लिए अच्छी खबर यह रही कि ब्रॉयलर चिकन के दाम ओवरसप्लाई के कारण 4% गिर गए। चूंकि नॉन-वेज थाली की लागत का करीब 50% हिस्सा चिकन का होता है, इसलिए इसकी कीमत मासिक आधार पर 3% कम हो गई।
महंगाई के मोर्चे पर राहत
थाली की कीमतों में यह गिरावट ऐसे समय आई है जब देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) भी कम हो रही है। सितंबर 2025 में यह घटकर 1.54% पर आ गई थी, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
मुख्य बातें (Key Points):
- अक्टूबर में वेज थाली 17% और नॉन-वेज थाली 12% सस्ती हुई (सालाना आधार पर)।
- प्याज की कीमतों में 51%, टमाटर में 40% और आलू में 31% की भारी गिरावट आई।
- खाने का तेल 11% और LPG सिलेंडर 6% महंगा हुआ, जिससे राहत थोड़ी सीमित रही।
- ब्रॉयलर चिकन के दाम 4% गिरने से नॉन-वेज थाली की लागत कम हुई।






