बठिंडा (Bathinda) जिले में एक खास धार्मिक मेले (Religious Fair) को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 27 से 29 सितंबर तक तीन दिन की सरकारी छुट्टी (Government Holiday) घोषित की है। यह फैसला डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान (Deputy Commissioner Rajesh Dhiman) और उप-मंडल मजिस्ट्रेट मौड़ की सिफारिश पर लिया गया है।
छुट्टी के प्रावधान : इन तीन दिनों में माईसरखाना गांव (Maisarkhana Village) के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल और माता माईसरखाना कॉलेज ऑफ एजुकेशन (Mata Maisarkhana College of Education for Girls) में छुट्टी रहेगी। प्रशासन ने यह कदम लाखों श्रद्धालुओं (Devotees) के भारी भीड़ और यातायात को देखते हुए अमन-शांति बनाए रखने के लिए उठाया है।
शराब पर रोक : जिला प्रशासन ने आबकारी एक्ट, 1914 की धारा 54 (Excise Act 1914, Section 54) का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि मेले के दौरान, यानी 27 से 29 सितंबर तक, माईसरखाना गांव की सीमा के भीतर सभी देसी और विदेशी शराब की दुकाने पूरी तरह बंद रहेंगी। किसी को भी शराब का भंडार रखने या बेचने की अनुमति नहीं होगी। डिप्टी कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि शराब या नशे का उपयोग धार्मिक माहौल (Religious Atmosphere) को प्रभावित कर सकता है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि : माईसरखाना गांव का यह वार्षिक मेले (Annual Religious Fair) की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। इस मेले में हर साल लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे कस्बे में भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम (Traffic Congestion) हो जाता है। प्रशासन की कोशिश रहती है कि ऐसा खास आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो। इसी कारण से छुट्टी का ऐलान और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
- बठिंडा में माईसरखाना मेले के लिए 27-29 सितंबर तक तीन दिन की सरकारी छुट्टी।
- सरकारी स्कूल और कॉलेजों में इस अवधि में छुट्टी लागू।
- आबकारी एक्ट के तहत शराब की बिक्री पर पूर्ण रोक, नशे पर भी पाबंदी।
- प्रशासन का मकसद मेले के दौरान अमन-शांति बनाए रखना और धार्मिक माहौल सुरक्षित रखना।






